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अनकहे अधूरे ज़ज्बात प्यार का वो अनछुआ पहलु ...एक सौगात आपके नाम

गुरुवार, 30 सितंबर 2010

तन्हाइयां

 रात की खामोशी और तुम्हारी यादें ...
वो किस्से और वो अधूरी बातें
इन तनहाइयों  को नाम एक नया दे जाती है...

मेरे आँखों की नमी और हर पल खलती तुम्हारी कमी ..
वो प्यार भरे दिन और वो खूबसूरत मुलाकातें .
इन तनहाइयों  को नाम एक नया दे जाती है..

हंसी के वो दो पल और गम का ये तूफ़ान ..
चाहत की वो  रातें  और  तुम्हारी मदभरी बातें ..
इन तनहाइयों  को नाम एक नया दे जाती है.

तुम्हारी बाहों का वो घेरा और उसमे मेरा बसेरा ...
मेरी खुशियों का घरोंदा और तुम्हारा उसको तोड़ कर चले जाना
इन तनहाइयों  को नाम एक नया दे जाती है.

तुम्हारे बिना क्या  सांसें चलती भी  है मेरी ?
तुम्हारे बिना  ज़िन्दगी गयी है  ठहरी!
आनंद और अतीत का एक मधुर सम्बन्ध तुमसे है  जुरा
तूम  ही मेरे आंसूओं  की और तुम ही मेरे  मुस्कुराहटों  की ho वजह
तुमसे ही जुडी है मेरी तन्हाईयाँ
और इन तन्हाईओं का भी है  एक अलग मज़ा  ........
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