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अनकहे अधूरे ज़ज्बात प्यार का वो अनछुआ पहलु ...एक सौगात आपके नाम

गुरुवार, 25 मार्च 2010

मेरी नन्ही सी गुडिया

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लाल पिली हरी नीली रंगों से सजी मेरी ये दुनिया ....
ज़िन्दगी में आएगी    मेरी नन्ही सी गुडिया .....

वो मेरी सलोनी सी बिटिया ....
गुलाबी पंखुरियों  सी कोमल होगी  मेरी 'लाडली' सी  गुडिया .....

उसकी किलकारियों से गूंज उठेगा  मेरा सूना सा जीवन ...
उसके आने से महक उठेगा  मेरा घर अंगान ....

सपने सजाती रहती हूँ मैं .....
उसके आने का करती रहती हूँ इंतज़ार ...
.............कैसा होगा उसका पहला  स्पर्श उसके नाजुक से छोटे हाथों की छुवन
कैसी रोएगी वो कैसी नन्ही सी  होगी वो .......

गुलाबी गुलाबी सफ़ेद सफ़ेद सी मेरी परछाई ...होगी वो ....
मेरे सपनो का जीता जागता आकार होगी वो ....

मेरे जीवन का आधार होगी वो ....
मेरी नन्ही सी गुडिया .....
मीठी सी सपनो की पुड़िया............
मेरा अंश मेरे प्यार का पूर्ण अवतार होगी वो ......

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