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आज मची है एक अजीब सी हलचल ....
किस्मत के खेल पे होता है आश्चर्य हरपल ....
कैसी मोड़ पे ज़िन्दगी के आकार खड़ी हूँ ....
दोराहों और असमंजसों से घिरी हूँ .....
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विचलित हुआ जाता है ये मन ...
चल अचल सी हालत उथल पुथल सी हरकत ...
चंचल सा ये मन ....
समझ नही पता है की तूफ़ान के आने का कोई वक़्त नही ...होता ...
साहिल मिलता नहीं हर किसी को ...
की हर किनारा आसरा भी नहीं होता ...
हर पराया अपना नही होता की हर अपना पराया नही होता ....
प्यार के दो पल बीत जाते हैं ऐसे ...
की लगता है ...की हर लम्हा ठहरा नही होता ...
कुछ लोग आजाते है ...फिर दूर चले जाते हैं...
वक़्त रुक सा जाता है ...पल थम सा जाता हैं ...
उनके न होने का एहसास हर लम्हे को जाया कर जाता है ...
अश्क मोती बन जाते है ...और वो बीते लम्हे याद आते जाते है ...
ज़िन्दगी फैसला मांगती हैं ...
राहों को चुनना आसान नही होता ...
किसका हाथ थामना चाहता है दिल ...किसका हाथ थामना है पड़ता ...
की तूफ़ान के आने का कोई वक़्त नही होता ...........
...............................................सोनल जमुआर
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awesome !!!! itna accha kab se likhne lagi ho sonal !!!
जवाब देंहटाएंi use to think ur english is superb but ur hindi is more hilarious
जवाब देंहटाएंdont take hilarious means funny .i cant believe dat sonal can write hindi poems so well . superb dear !!!
जवाब देंहटाएंthanx........
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