.इंतज़ार है तुम्हारे आने का .....
अपनी दुनिया सजाने का ......
हर पल तुम्हे सोचती हूँ मैं .....
तुम्हारी तस्वीर देखती हूँ मैं ......
तुम्हारे नाम से जीती हूँ मैं .....
तुम्हारे नाम पे मरती हूँ मैं ......
तुम्हारा नाम लेकर सवरती हूँ मैं ......
दिल फरियाद करता है ....तुमसे मिलने की .....
तुम्हारी बाहूं में सिमटने की .....
सिमट कर तेरी बाहूं में ...दुनिया भुला दूंगी मैं ......
बस तुम्ही मेरी दुनिया हो सब को बता दूंगी मैं .....
तुम्हारा वो पहला स्पर्श ....
आज भी अह्ल्ह्दित कर कर जाता है ....
तुम्हारा वो एहसास आज भी तड़पाता है .....
जागती रातों में मेरी आँखों में ....
हर वो दृश्य उभर आता है ....
तुम्हारी बाहें और उनमे सिमटी हुई मैं ................
तुम्हारी गरम .. सांसें और उनमे महकी हुई मैं .......
आँखों में तेरी खुद को ढूँढ़टी हुई मैं .....
बहकी हुई मैं लहकी हुई मैं .........
तुम्हारी पनाह में उम्र गुज़र जाए ...........
असर इस कदर है तेरा की तेरे सिवा दूजा कोई ना भाये ....
तुम्हारे होठ जब इन लबों को छू जाए .....
खुदा करे वो पल जल्दी ..से आये ...
जब तू डोली लेकर दुल्हन बना कर मुझे ले जाए ..
..............................................सोनल जमुआर
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