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अनकहे अधूरे ज़ज्बात प्यार का वो अनछुआ पहलु ...एक सौगात आपके नाम

शनिवार, 17 अप्रैल 2010

अधुरा रिश्ता

अधुरा रिश्ता कितना कुछ नया दे गया ....
अधुरा रिश्ता कितना कुछ पूरा कर गया ....

 अधुरा रिश्ता होठों की मुस्कान ले गया ....
अधुरा रिश्ता मेरी पहचान बन गया .....


बीते हुए पल में सिमट सी गयी मेरी ज़िन्दगी .....
कहाँ मुझे लेजायेगी मेरी ये  बन्दिगी ...

तेरे बाहों का घेरा मुझे पूरा आसमान दे गया ....
जिस पल चूमा था तुने मेरा हाथ वो पल मुझे ये जहां देगया .....

सुखी हुई डालियों ....मसले हुए फूलों को ये अधुरा रिश्ता एक नाम देगया .....
जिस पल तेरे साथ चले थे हम दो कदम वो पल मेरे हमदम मोहब्बत को एक नया अंजाम दे गया ......
 अनकही बातें जो अधूरी रह गयी थी ...
आंसूं जो आँखों से छलक गए थे ...
मेरे प्यार का तुझे सलाम दे गया ......


  • अधुरा रिश्ता  सिद्दत से  मुझे एक पैगाम दे गया ....
अधुरा रिश्ता मेरे ढेरो अरमान ले गया ..........
                                        सोनल जमुआर


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