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अनकहे अधूरे ज़ज्बात प्यार का वो अनछुआ पहलु ...एक सौगात आपके नाम

गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

तूफ़ान के आने का कोई वक़्त नही होता

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आज मची है  एक  अजीब  सी हलचल ....
किस्मत के खेल पे होता है आश्चर्य हरपल ....
कैसी मोड़ पे ज़िन्दगी के आकार खड़ी हूँ ....
दोराहों और असमंजसों से  घिरी हूँ .....
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विचलित हुआ जाता है ये मन ...
चल अचल सी हालत उथल पुथल सी  हरकत ...
चंचल सा ये मन ....
समझ नही पता है की तूफ़ान के आने का  कोई वक़्त नही ...होता ...

साहिल मिलता नहीं हर किसी को ...
की हर किनारा आसरा भी नहीं होता ...
हर पराया अपना नही होता की हर अपना पराया नही होता ....
प्यार के दो पल बीत जाते हैं ऐसे ...
की लगता है ...की हर लम्हा ठहरा नही होता ...

कुछ लोग आजाते है ...फिर दूर चले जाते हैं...
वक़्त रुक सा जाता है ...पल थम सा जाता हैं ...
उनके न होने का एहसास हर लम्हे को जाया कर जाता है ...
अश्क मोती बन जाते है ...और वो बीते लम्हे याद आते जाते है ...

ज़िन्दगी फैसला मांगती हैं ...
राहों को चुनना  आसान नही होता ...
किसका  हाथ थामना चाहता है दिल ...किसका हाथ थामना है पड़ता ...
की तूफ़ान के आने का कोई वक़्त नही होता ...........
...............................................सोनल जमुआर


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