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अनकहे अधूरे ज़ज्बात प्यार का वो अनछुआ पहलु ...एक सौगात आपके नाम

गुरुवार, 25 मार्च 2010

कुछ प्यारे नगमे

कुछ प्यारे नगमे ....
जिन्हें अब हम कभी न गुनगुनायेंगे....

फासले इतने हुए की तुमसे अब मिल ना पायेंगे .......
नजदीकियों का एहसास तो था  दूरियों को पर हम सम्हाल ना पायेंगे ....
आजाओ लौट कर तुम की तेरे बिना अब जी ना पाएंगे  .....

सोचा नहीं था की वो पल मुझे इतना रुलायेंगे .....
तेरे न होने का एहसाश मुझे हर पल दिलाएंगे....
बर्फीली  हवाओं  के झोंके भी मुझे जलाएंगे .....
आजाओ लौट कर तुम की तेरे बिना अब जी ना पायेंगे ......

..................................................सोनल जमुआर 

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